सरकारी websites स्लो क्यों होते हैं? why government websites server down? क्या होते हैं servers और clients?

सरकारी websites स्लो क्यों होते हैं? why government websites server down? क्या होते हैं servers और clients - हिंदी में जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी जी ने शुरुआत से हीं डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा दिया है | भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत कई योजनाओं की शुरुआत किया है, इस मीशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगभग अपने सभी छोटे-बड़े कामों को online ले जा चुकी है, इसका मतलब यह है की अब आप अपने जरुरी कार्यों को घर बैठे onlline माध्यम से कर सकते हैं |

The Government Websites

सरकार ने अपने सभी विभागों की official website लॉन्च कर दिया है | लेकिन यहाँ पर भी समस्या खड़ी हो जाती है | साधारण शब्दों में कहें तो समस्या यह है कि सरकार द्वारा launched कुछ महत्वपूर्ण websites बहुत स्लो होतीं है, अतः इन्हें इस्तेमाल करते समय लोगों को काफ़ी दिक्क़ते आतीं हैं | ज्यादातर समय इन websites का server down रहता है, कभी-कभी link fail की समस्या आती है, websites slow लोड होते हैं, और कभी-कभी तो ये websites खुलतीं तक नहीं |

तो आईये जानते हैं, आखिर क्यों इन websites में इतनी दिक्क़ते होती हैं | लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि आखिर ये websites काम कैसे करते हैं |

इंटरनेट चलाने के लिए जरुरती सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कंपोनेंट्स को दो समूहों में बांटा गया है- 
  1. Server 
  2. Clients

Server क्या होते हैं?

सर्वर एक प्रकार का स्टोरेज डिवाइस होता है | इंटरनेट पर मौजूद सभी तरह के Data (डेटा/डाटा) [जैसे - वीडियो, मूवी, सांग, एप्प  या वेबसाइट के source - code, etc.) को servers में हीं रखा जाता है | ये काफी महंगे होते हैं, और इनका मेंटेनेंस कोस्ट भी ज्यादा होता है | यही कारण है कि काम बजट वाली कम्पनियाँ तथा organizations दूसरी बड़ी कंपनियों से सर्वर किराये पर लेते हैं और उसमे अपने डेटा को स्टोर करते हैं|

Clients क्या होते हैं?

क्लाइंट्स ऐसे कंपोनेंट्स होते हैं, जिनकी मदद से हम इंटरनेट पर मौजूद किसी भी डेटा (Data) को एक्सेस (access) करते हैं | जैसे कि :- मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट ब्राउज़र, etc.| इनकी हीं  मदद से हम इंटरनेट पर मौजूद किसी भी डेटा को एक्सेस कर पाते हैं | अतः ये clients के समूह में आते हैं|

The Government Servers

सरकारें अपने डेटा को अपने खुद के servers में रखते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि Government के डेटा काफ़ी सवेंदनशील होते हैं, अतः डेटा चोरी जैसी समस्याओं से बचने के लिए government को खुद के servers खरीदने पड़ते हैं |
चूँकि लोग सरकारी websites को ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते इसलिए government अपने servers पर कम से कम पैसे खर्च करती है, जिसके कारण उनके servers ज्यादा लोड (load) लेने में सक्षम नहीं होते | और जब काफी मात्रा में लोग इन websites का उपयोग करते हैं, तो server down, लिंक फेल, slow loading जैसी समस्याएँ आतीं हैं|
उदहारण :- जब विद्यार्थियों के परीक्षा के परिणाम घोषित होते हैं, तो लाखों की संख्या में विद्यार्थी अपने परिणाम (रिजल्ट) देखने के लिए बोर्ड की official websites का इस्तेमाल करते हैं | Server इतना लोड सहन नहीं कर पता, जिसके फलस्वरूप विद्यार्थियों को server डाउन, slow loading etc. जैसी समस्याएँ आती हैं|

सरकार को इन चीजों  पर भी धयान देना चाहिए, इससे डिजिटल इंडिया मुहीम को बढ़ावा मिलेगा और लोगों की समस्याएँ भी दूर होंगी|

इस आर्टिकल में हमने जाना - "क्या होते हैं server और clients?", "कैसे काम करते हैं government servers?" और "Government websites slow क्यों होती हैं?"

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धन्यवाद
हिंदी सेना

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