भारत सरकार ने पड़ोसी देशों (चीन) को दिया बड़ा झटका, जारी किए निवेश के नए नियम - हिंदी सेना

भारत सरकार ने पड़ोसी देशों (चीन) को दिया बड़ा झटका, जारी किए निवेश के नए नियम - हिंदी सेना

मोदी सरकार ने चीन को दिया एक और बड़ा झटका | जैसा की आप जानते हैं, यह कोरोना काल (सन 2020) सभी के लिए बहुत बड़ी आफत है | इस समय काफ़ी business घाटे में चल रहे हैं, जिसके कारण कंपनियों के शेयर के दाम निचे गिर चुके हैं|

इसका फायदा उठाते हुए चीन की कंपनियां भारतीय कंपनियों में काफी मात्रा में निवेश (Invest) कर रहीं हैं | वैसे तो इससे भारतीय इकॉनमी (Economy) को हीं फायेदा होगा | लेकिन जैसा की आप ज्जान्ते हैं, छीने का इरादा कभी भी किसी को फायदा पहुँचाने का नहीं होता | तो आइये जानते हैं की चीनी के भारत में निवेश करने से हमें क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं|

चीन के ताबरतोड़ निवेश से भारत को क्या नुकसान होगा?

भारतीय कंपनियों के शेयर के दाम लगातार गिर रहे हैं, इसका फायदा उठाते हुए चीन काफी मात्रा में उनके शेयर खरीद रहा है|

जिन लोगों को शेयर (share) का मतलब नहीं पता, तो हम बता दें की साधारण शब्दों में शेयर का मतलब होता है हिस्सा | यदि आप किसी कंपनी के 10% शेयर खरीदते हैं, तो आप उसके 10% के मालिक हो जायेंगे और कंपनी में 10% की हिस्सेदारी आपकी होगी|

चलिए अब point पर आते हैं-
यदि चीन भारतीय कंपनियों के ज्यादातर शेयर्स खरीद लेगा तो officially (आधिकारिक रूप से) उन कंपनियों का मालिक बन जायेगा और फिर चीन हमारे देश में रहकर हमें हीं चुना लगएगा| भारतीय कंपनियों के पास हम लोगों के काफी डेटा मौजूद हैं, मालिक बनने के बाद चीन हमारे पर्सनल डेटा को हमारे ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर सकता है, जो की हमारे लिए बिलकुल भी सही नहीं होगा | और आप तो चीन का ट्रैक-रिकॉर्ड जानते हीं होंगे |

अतः इन्ही सब समस्याओं से निपटने के लिए भारत सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं, आइये जानते हैं वो क्या हैं -

भारत सरकार ने चीनी कंपनियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं?

यदि आपकी सलाह यह है की विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने से रोक देना चाहिए, तो ये बिलकुल भी सही तरीका नहीं होगा, क्योंकि इससे हमारी economy पर हीं प्रभाव पड़ेगा |
भारत सरकार ने सभी बातों को ध्यान में रखकर कुछ नए नियम बनाए हैं, इन नियमों के तहत हमारे पड़ोसी (चीन, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, अफ़ग़ानिस्तान) देशों को भारत में किसी भी तरह का निवेश करने से पहले सरकार का approval (सहमति) लेना पड़ेगा | इतना हीं नहीं, सरकर ने निवेश करने के लिए निवेश-सीमा (investment - limit) भी निर्धारित किया है | अब विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों में लिमिट से ज्यादा निवेश नहीं कर सकेंगी, इससे भारतीय कंपनियां सुरक्षित रहेंगी|

इस आर्टिकल के द्वारा आपने जाना "चीन के ताबरतोड़ निवेश से भारत को क्या नुकसान होगा?", "भारत सरकार ने चीनी कंपनियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं?"|

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धन्यवाद
हिंदी सेना  

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